नई दिल्ली, 11 जुलाई। SIP In India : एक दौर था जब शेयर बाजार का नाम सुनते ही आम लोगों को डर लगता था। लेकिन अब 2025 का भारत बदल चुका है। जहां पहले लोग गोल्ड और रियल एस्टेट को सबसे सुरक्षित निवेश मानते थे, अब वहां Systematic Investment Plan (SIP) एक नई उम्मीद बनकर उभरा है।
ताज़ा ट्रेंड्स के मुताबिक, सिर्फ 500 से 1000 रुपये प्रतिमाह की SIP के जरिए देश के लाखों युवा, महिलाएं और मध्यमवर्गीय परिवार अब अपनी फाइनेंशियल फ्रीडम की ओर बढ़ रहे (SIP In India)हैं।
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बड़ा बदलाव: गांवों से भी जुड़ रही है SIP क्रांति
मेट्रो शहरों की बात छोड़िए, अब देश के टियर-2 और टियर-3 कस्बों में भी SIP का नाम आम हो चुका है। मोबाइल ऐप्स और डिजिटल फाइनेंशियल लिटरेसी ने इसे आसान और भरोसेमंद बना दिया है।
कैसे 500 की SIP दिला रही है करोड़ों का भरोसा?( SIP In India)
आइए समझते हैं एक उदाहरण से –
अगर कोई निवेशक 21 साल की उम्र में मात्र ₹500 प्रति माह की SIP शुरू करता है और सालाना 12% का रिटर्न पाता है, तो 30 साल में उसका निवेश ₹18 लाख से ऊपर जा सकता (SIP In India)है।
वहीं अगर वो ₹2000 प्रतिमाह लगाए, तो यह आंकड़ा 70 लाख के करीब पहुंच सकता है।
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महिलाओं और स्टूडेंट्स में खास क्रेज
इस बार SIP के ग्रोथ चार्ट में एक नया चेहरा उभरा है – महिलाएं और कॉलेज स्टूडेंट्स। फ्रीलांसिंग और पार्ट टाइम जॉब्स से कमाई कर युवा निवेशक SIP को एक आदत बना रहे हैं। यह “कम खर्च, बड़ा असर” वाली थ्योरी अब फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा बन चुकी है।
क्या कहते हैं नए निवेशक?
“पहले लगता था निवेश सिर्फ अमीरों का खेल है, लेकिन SIP ने सोच बदल दी,” – ये कहना है एक 23 वर्षीय डिजिटल मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव का, जो पिछले 2 सालों से हर महीने 1000 रूपए की SIP कर रही है।