रायगढ़, 9 जुलाई| Rice Sugar Kerosene Scam :कांदागढ़ गांव की शासकीय राशन दुकान में साल 2018 में हुए बड़े घोटाले की परतें अब खुलनी शुरू हो गई हैं। 6 साल पुराना यह मामला तब सामने आया, जब जांच रिपोर्ट और गवाहों के बयानों के आधार पर पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया। घोटाले में गांव की पूर्व सरपंच समेत राशन वितरण से जुड़े लोग शामिल हैं, जिन्होंने शासन द्वारा गरीबों के लिए भेजा गया खाद्यान्न—चावल, शक्कर, नमक और केरोसिन—का वितरण न कर उसे हड़प लिया।
कब और कैसे खुला मामला?(Rice Sugar Kerosene Scam)
प्रार्थी: अंजनी कुमार राव, सहायक खाद्य अधिकारी, पुसौर
स्थान: शासकीय उचित मूल्य दुकान, कांदागढ़, पुसौर विकासखंड
माह: जून–अगस्त 2018
गड़बड़ी की मात्रा(Rice Sugar Kerosene Scam)
चावल: 232.38 क्विंटल
शक्कर: 14.53 क्विंटल
नमक: 4.16 क्विंटल
केरोसिन: 1369 लीटर
जांच रिपोर्ट तिथि: 24 अगस्त 2018
पुलिस को रिपोर्ट प्राप्त: 6 फरवरी 2025
FIR नंबर: 168/2025
किन धाराओं में मामला दर्ज?(Rice Sugar Kerosene Scam)
धारा 409, 34 भादवि (शासकीय अमानत में खयानत)
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3, 7
कौन-कौन हुआ गिरफ्तार?(Rice Sugar Kerosene Scam)
गौरहरी निषाद (40 वर्ष) – राशन दुकान सहायक
टीकेश्वर सेठ (53 वर्ष) – वितरण में सहयोगी
प्रशांत सेठ (25 वर्ष) – सहायक
सोमति सिदार (50 वर्ष) – तत्कालीन सरपंच
सभी आरोपी कांदागढ़, थाना पुसौर, जिला रायगढ़ के निवासी हैं।
जांच में क्या मिला?(Rice Sugar Kerosene Scam)
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उक्त खाद्यान्न सामग्री का वितरण किया ही नहीं गया, और यह स्टॉक कहीं न कहीं गबन कर लिया गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपराध स्वीकार किया, जबकि दुकान सचिव कृषचंद कर्ष की मृत्यु हो चुकी है।
कौन रहे कार्रवाई में मुख्य भूमिका में?(Rice Sugar Kerosene Scam)
थाना प्रभारी रामकिंकर यादव, सहायक उप निरीक्षक उमाशंकर विश्वाल व उनकी टीम ने पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस के अनुसार, मामले में अन्य संभावित सहयोगियों की भी जांच की जा रही है।