Raipur Ground Church Dispute नई दिल्लीः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के नयापारा इलाके में अरबों रुपए की बेशकीमती जमीन को छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड की संपत्ति बताने वाले दावे को रायपुर संभागायुक्त ने खारिज कर दिया था। इसके बाद अब बैक टू बैक कार्रवाई की जा रही है। राजभवन के आसपास की बेशकीमती जमीन का कब्जा शासन ने चर्च ट्रस्ट से वापस ले लिया है। गॉस मेमोरियल ग्राउंड, राजभवन और आकाशवाणी मंदिर के सामने की पांच एकड़ से ज्यादा जमीन यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया ट्रस्ट के कब्जे थी।
मिली जानकारी के अनुसार साल 1922 से यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया ट्रस्ट को यह जमीन लगभग 100 सालों के लिए लीज पर दी गई थी। इसकी मियाद साल 2022 में खत्म हो चुकी थी। इसके बाद भी यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थन इंडिया इस जमीन को नहीं छोड़ रहा था। जिसके बाद हिंदू स्वाभिमान संगठन ने राजस्व न्यायालय में जमीन कब्जा मुक्त करवाने की याचिका लगाई थी। लंबी सुनवाई के बाद राजस्व न्यायालय ने पिछले सप्ताह सीएनआई को कब्जा छोड़ने और निगम को कब्जा लेने का आदेश दिया था।
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बता दें कि सिविल लाइन में लगभग 35 एकड़ जमीन अलग-अलग चर्च ट्रस्ट को लीज पर दी गई थी। इसमें के इसमें बड़े हिस्सों की लीज साल 2022 में ही खत्म हो चुकी है । इसके बाद भी यहां चर्च ट्रस्ट काबिज था और कमर्शियल गतिविधि से धन में अर्जित कर रहा था। कलेक्टर रायपुर ने बताया कि गॉस मेमोरियल ग्राउंड और अन्य जमीन है उसका संरक्षण कर खेल और अन्य सार्वजनिक उपयोग किया जाएगा। वहीं हिंदू संगठन ने शासन का आभार जताया। साथ ही मांग रखी है कि चर्च ट्रस्ट की ओर से कई जमीनों को बेचा है उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। वहीं खाली पड़ी जमीनों की लीज को रद्द कर जाए उसे सार्वजनिक रूप में उपयोग में लाया जाए।
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Raipur Ground Church Dispute रायपुर में हिंदू स्वाभिमान संगठन की याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर ने बड़ा फैसला सुनाया है। सिविल लाइन में राजभवन और आकाशवाणी मंदिर के सामने यूनाइटेड चर्च ऑफ नॉर्थन इंडिया ट्रस्ट के कब्जे वाली लगभग 4 सौ करोड रुपए से ज्यादा कीमती साढ़े पांच एकड़ जमीन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। कलेक्टर ने जमीन की लीज को रिन्यू करने की चर्च ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया गया है और इसे सरकार के निहित करने का आदेश दिया है। बता दें कि सिविल लाइन में लगभग 35 एकड़ जमीन अलग-अलग चर्च ट्रस्ट को लीज पर दी गई थी। इसमें के इसमें बड़े हिस्सों की लीज साल 2022 में ही खत्म हो चुकी है । इसके बाद भी यहां चर्च ट्रस्ट काबिज था और कमर्शियल गतिविधि से धन में अर्जित कर रहा था। हिंदू संगठनों ने याचिका लगाई थी कि लीज को रिन्यू ना किया जाए और जमीन का उपयोग रायपुर की जनता के लिए सार्वजनिक रूप से किया जाए । याचिका पर सुनवाई करते हुए रिलीज रिन्यू करने की आवेदन को खारिज कर दिया गया है।