Nimisha Priya Death Penalty : निमिषा प्रिया को  16 जुलाई को दी जाएगी फांसी, PM मोदी करेंगे हस्तक्षेप

यमन में हत्या के आरोप में मौत की सजा पा चुकी केरल की नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के प्रयासों में तेजी आ गई है। 16 जुलाई को होने वाली फांसी से पहले केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री मोदी से तत्काल हस्तक्षेप की अपील की है। यह मामला अब मानवीय सहानुभूति का रूप ले चुका है।

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Highlights
  • 16 जुलाई को होनी है फांसी – यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने सजा पर लगाई मुहर, अंतिम अपील भी हो चुकी है खारिज।
  • केरल CM ने PM मोदी को लिखा भावनात्मक पत्र – विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी पहले दो बार भेज चुके हैं आग्रह।
  • पूरे देश में सहानुभूति की लहर – एलडीएफ और कांग्रेस ने केंद्र सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की।

तिरुवनंतपुरम|  Nimisha Priya Death Penalty : यमन की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया की जिंदगी अब कुछ ही घंटों की मेहमान है। यमन सरकार ने उसे एक यमनी नागरिक की हत्या के आरोप में मौत की सजा सुनाई है और 16 जुलाई को फांसी तय कर दी गई है। ऐसे में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की अपील की है — एक जीवन बचाने के लिए।

प्रधानमंत्री तुरंत हस्तक्षेप करें” – सीएम विजयन की भावुक अपील

सीएम ने पीएम को लिखे पत्र में कहा है कि यह मामला ‘सहानुभूति और मानवता’ का है और भारत सरकार को यमन के सामने इस विषय को उठाना (Nimisha Priya Death Penalty)चाहिए। इससे पहले भी 6 फरवरी और 24 मार्च 2025 को विदेश मंत्री एस. जयशंकर को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की जा चुकी है।

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कौन हैं निमिषा प्रिया और क्या है मामला?( Nimisha Priya Death Penalty)

निमिषा, पलक्कड़ जिले के कोल्लेंगोड की निवासी हैं।

2020 में यमन में उन्हें एक यमनी कारोबारी की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया गया था, जो उनका पूर्व साझेदार था।

यह घटना जुलाई 2017 की है।

नवंबर 2024 में उनकी अंतिम अपील यमन की सर्वोच्च न्यायिक परिषद ने खारिज कर दी थी।

फिलहाल, वे सना के सेंट्रल जेल में बंद हैं।

देशभर से उठ रही है अपील – “बचाओ निमिषा को”

न केवल सत्तारूढ़ एलडीएफ सरकार, बल्कि विपक्षी कांग्रेस ने भी केंद्र से तत्काल कूटनीतिक कदम उठाने की मांग की है। निमिषा के परिवार और मानवाधिकार संगठनों का भी यही कहना है कि यह मामला न्याय से अधिक सहानुभूति और जीवन रक्षा से जुड़ा (Nimisha Priya Death Penalty)है।

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क्या अब भी समय बचा है?

16 जुलाई की तारीख बेहद नज़दीक है, और ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या भारत सरकार की कूटनीति एक भारतीय बेटी की जान बचा पाएगी? क्या मोदी सरकार आखिरी समय पर कोई मानवीय चमत्कार कर पाएगी?

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