Kubereshwar Dham Stampede : कुबेरेश्वर धाम में धक्का-मुक्की, भीड़ में दबने से 2 की मौत, कांवड़ यात्रा में शामिल होने पहुंचे थे श्रद्धालु

CG Express
Kubereshwar Dham Stampede

Kubereshwar Dham Stampede मध्य प्रदेश। सीहोर जिले में स्थित कुबेरेश्वर धाम में मंगलवार को कांवड़ यात्रा की पूर्व संध्या पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई, जिसमें दो महिलाओं की दबकर मौत हो गई और कई श्रद्धालु घायल हो गए। पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में 6 अगस्त को होने वाली कांवड़ यात्रा में शामिल होने के लिए देशभर से हजारों शिव भक्त सीवन नदी और कुबेरेश्वर धाम पहुंचे थे। लेकिन भीड़ नियंत्रण में चूक और अपर्याप्त व्यवस्थाओं के कारण यह हादसा हुआ, जिसने प्रशासन और आयोजकों की तैयारियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

जानकारी के अनुसार, मंगलवार सुबह कुबेरेश्वर धाम में सावन मास के दौरान शिव भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। तेज धूप, उमस, और बढ़ती भीड़ के कारण मंदिर परिसर में धक्का-मुक्की शुरू हो गई। इस दौरान तीन लोग नीचे गिर गए, जिनमें से दो महिलाएं (लगभग 50 वर्षीय) दबकर मर गईं। पांच से सात अन्य श्रद्धालु घायल हुए, जिनमें एक की हालत गंभीर बताई जा रही है।

घायलों को तत्काल सीहोर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है। मृतक महिलाओं की पहचान अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है। पुलिस और प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया।

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5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना

6 अगस्त 2025 को कुबेरेश्वर धाम से चितावलिया हेमा गांव तक 11 किलोमीटर की कांवड़ यात्रा का आयोजन होना है, जिसमें 5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। पंडित प्रदीप मिश्रा, जो विट्ठलेश सेवा समिति के मार्गदर्शन में इस आयोजन का नेतृत्व कर रहे हैं, ने श्रद्धालुओं को सीवन नदी से जल लेकर शिवलिंग पर चढ़ाने का संदेश दिया था। लेकिन 4 अगस्त की रात से ही मंदिर परिसर में भीड़ बढ़ने लगी थी।

प्रशासन और आयोजकों ने दावा किया था कि 4,000 श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था नमक चौराहा, राधेश्याम कॉलोनी, बजरंग अखाड़ा, अटल पार्क, शास्त्री स्कूल, लुर्द माता स्कूल और सीवन नदी के पास की गई थी।

पेयजल, भोजन, और प्रसादी वितरण की भी योजना थी। हालांकि, भीड़ के दबाव के कारण ये व्यवस्थाएं 5 अगस्त की सुबह ही चरमरा गईं। भंडारे और ठहराव की जगह कम पड़ गई, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

ट्रैफिक और सुरक्षा व्यवस्था में कमी

Kubereshwar Dham Stampede सीहोर के एसपी दीपक शुक्ला ने बताया कि कांवड़ यात्रा के लिए 5 अगस्त रात 12 बजे से 6 अगस्त रात 11 बजे तक ट्रैफिक डायवर्जन प्लान लागू होना था। भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से और छोटे वाहनों को न्यू क्रिसेंट चौराहा से अमलाहा होते हुए भेजने की योजना थी। लेकिन हादसे के समय तक यह व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी थी, जिसके कारण भोपाल-इंदौर हाईवे पर भीड़ और वाहनों का दबाव बढ़ गया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपर कलेक्टर वृंदावन सिंह ने एसडीएम तन्नय वर्मा को व्यवस्था का प्रभारी नियुक्त किया था, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि हादसे के समय कितने पुलिसकर्मी और चिकित्सा टीमें मौके पर थीं।

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पिछले हादसों से सबक नहीं

कुबेरेश्वर धाम में यह पहला हादसा नहीं है। 2024 में रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान भी डोम गिरने से एक महिला की मौत और कई लोग घायल हुए थे। उस समय भी भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था की कमी सामने आई थी।

2023 में भी महाशिवरात्रि के दौरान ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था की शिकायतें आई थीं। इसके बावजूद, इस बार 10 लाख श्रद्धालुओं की संभावित भीड़ के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए।

 

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