Chhattisgarh monsoon alert: रायपुर-बस्तर समेत इन 17 जिलों में यलो अलर्ट, खम्हारडीह में बिजली गिरने से युवक की मौत

Umesh Sahu

Chhattisgarh monsoon alert: रायपुर। छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है। शनिवार दोपहर से राजधानी रायपुर सहित बस्तर और दुर्ग संभाग के जिलों में झमाझम बारिश का दौर शुरू हुआ, जो रविवार सुबह तक जारी रहा। मौसम विभाग ने राजनांदगांव, महासमुंद, गरियाबंद, कांकेर, कोंडागांव समेत 17 जिलों में भारी बारिश का यलो अलर्ट (yellow alert) जारी किया है।

शनिवार को दोपहर में रायपुर में कुछ समय के लिए तेज बारिश हुई, फिर देर रात तक रुक-रुक कर रिमझिम वर्षा होती रही। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक दक्षिण और उत्तर छत्तीसगढ़ के कई क्षेत्रों में अच्छी बारिश की संभावना बनी हुई है।

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बिजली गिरने से एक की मौत, दो घायल (Chhattisgarh monsoon alert)

Chhattisgarh monsoon alert: रायपुर के खम्हारडीह क्षेत्र के भावना नगर में शनिवार को बिजली गिरने की घटना (lightning strike in Raipur) में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हो गए। तीनों युवक घर की छत पर मोबाइल गेम खेल रहे थे, तभी अचानक बिजली गिरी। घायलों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

अब तक प्रदेश में 422 मिमी औसत बारिश

Chhattisgarh monsoon alert: मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जून से अब तक छत्तीसगढ़ में औसतन 422.0 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। बलरामपुर जिले में सबसे अधिक 719.3 मिमी और बेमेतरा में सबसे कम 229.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

प्रमुख जिलों में बारिश की स्थिति:

  • रायगढ़ संभाग: रायगढ़ 556.5 मिमी, कोरबा 504.0 मिमी, बिलासपुर 452.8 मिमी

  • दुर्ग संभाग: दुर्ग 343.3 मिमी, राजनांदगांव 344.7 मिमी, बालोद 401.8 मिमी

  • सरगुजा संभाग: सूरजपुर 559.3 मिमी, जशपुर 533.8 मिमी, कोरिया 521.1 मिमी

  • बस्तर संभाग: बीजापुर 475.5 मिमी, दंतेवाड़ा 416.1 मिमी, कांकेर 378.9 मिमी

राजधानी रायपुर में अब तक 411.2 मिमी बारिश हो चुकी है। बलौदाबाजार, महासमुंद और गरियाबंद में भी सामान्य से अच्छी वर्षा दर्ज की गई है।

मानसून का प्रभाव रहेगा लंबा

Chhattisgarh monsoon alert: इस वर्ष मानसून सामान्य समय से 8 दिन पहले 24 मई को ही केरल पहुंच गया था। यदि यह 15 अक्टूबर तक बना रहता है, तो 145 दिनों का सक्रिय मानसून रहेगा। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि यदि इस दौरान ब्रेक नहीं आया, तो खेती और जल संचयन के लिहाज से यह वर्ष लाभदायक रहेगा।

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