Bilaspur land mafia: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में भू-माफिया का आतंक लगातार बढ़ते ही जा रहा है। शहर के मध्य स्थित मैग्नेटो मॉल के सामने की हाई-प्रोफाइल जमीन पर अवैध कब्जे और सौदेबाजी का एक बड़ा मामला सामने आया है। नगर निगम की करीब 1235 वर्गफीट जमीन को निजी जमीन बताकर बेच दिया गया।
सूत्रों के अनुसार भू-माफिया पप्पू यादव उर्फ अश्विनी यादव (Bilaspur land mafia:) ने राजस्व अधिकारियों और राजनैतिक साठगांठ के बल पर इस बेशकीमती जमीन को पहले कौड़ियों के भाव खरीदा और फिर करोड़ों रुपये में दूसरे पक्ष को बेच दिया। विवादित इस जमीन को एक महिला उषा चौहान की बताकर फर्जीवाड़ा किया गया।
Bilaspur land mafia: मामले की पूरी पृष्ठभूमि:
यह जमीन पटवारी हल्का नंबर 36, खसरा नंबर 723, जूना बिलासपुर में स्थित है। जमीन के कई टुकड़े हैं जो वर्षों से विवादित रहे हैं। राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार, यहां नगर निगम की भी दो जमीनें शामिल हैं। एक 1200 वर्गफीट और दूसरी 35 वर्गफीट की। पुराने नक्शों में यह जमीन रास्ता मद में दर्ज है।
इसके बावजूद पप्पू यादव (Bilaspur land mafia:) ने राजनीतिक दबाव और गुंडागर्दी के दम पर कब्जा कर लिया। 12 डिसमिल जमीन, जिसका खसरा नंबर 723 और 208 है, उसे राजस्व अफसरों की मिलीभगत से बेच दिया गया। नामांतरण आवेदन बिलासपुर तहसील कार्यालय में अभी भी लंबित है।
नगर निगम की निष्क्रियता पर सवाल
नगर निगम ने 23 मार्च 2025 को पप्पू यादव (Bilaspur land mafia:) को नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब मांगा था। लेकिन जवाब महज खानापूर्ति रहा। इसके बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। जबकि शहर में दूसरी जगहों पर अवैध कब्जा हटाकर नगर निगम ने जमीनें वापस ले ली हैं।
इस मामले में नगर निगम की दोहरी नीति पर भी सवाल उठ रहे हैं। प्रशासनिक चुप्पी के पीछे बड़े पैमाने पर लेन-देन और राजनीतिक संरक्षण की बात सामने आ रही है। लोगों का कहना है कि प्रशासन भ्रष्टाचार के दबाव में काम कर रहा है।
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