Amit Shah Speech in Rajyasabha नई दिल्लीः राज्यसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा जारी है। बुधवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा को संबोधित किया। शाह जैसे ही सदन में प्रवेश किया, वैसे ही विपक्ष ने हंगामा करते हुए PM मोदी को बुलाने की मांग की। इस पर शाह ने कहा- विपक्ष पूछ रहा है कि PM कहा हैं? PM इस वक्त ऑफिस में हैं, उन्हें ज्यादा सुनने का शौक नहीं है। मेरे से निपट रहा है, उन्हें क्यों बुला रहे हो। इस पर मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘प्रधानमंत्री के दिल्ली में रहते हुए भी वो यहां नहीं आ रहे, ये तो सदन का अपमान है। सदन- सदस्यों का अपमान करना ठीक नहीं है।’ इसके बाद विपक्ष ने राज्यसभा से वॉकआउट कर दिया।
सुरक्षाबलों ने बढ़ाया भारत का सम्मान – शाह
इस चर्चा में हिस्सा लेते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पहलगाम हमले में हमारे देश के जो निर्दोष नागरिकों को धर्म पूछकर, चुन-चुनकर उनके परिवार के सामने मारा गया, उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जो नागरिक हताहत हुए, उनके परिवार के प्रति भी मेरी संवेदनाएं हैं। ऑपरेशन सिंदूर, ऑपरेशन महादेव , दोनों के लिए जिन सुरक्षाबलों ने भारत का सम्मान बढ़ाया है, मैं उनका अभिनंदन करना चाहता हूं। मैं PM का भी अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने सटीक जवाब दिया। शाह ने कहा कि परसों ही तीन आतंकवादी, सुलेमान और अफगान और जिबरान को हमारे सुरक्षाबलों ने मौत के घाट उतार दिया। सुलेमान ए ग्रेड का LeT का आतंकी था। पहलगाम हमले में उसके राइफल से गोलियां चली थीं।सुरक्षाबलों ने उसे कश्मीर छोड़ के भागने नहीं दिया।अफगान और जिबरान भी आला दर्जे के लश्कर आतंकी थे। इससे साफ हो गया है कि पहलगाम हमला लश्कर के इशारे पर ही हुआ। उनको भेजने वाले भी मारे गए, और जिन्होंने हमला किया वो भी मारे गए।
शाह बोले- तीनों आतंकियों के सिर में गोली लगी
शाह ने सदन में कहा- लश्कर के आउटफिट ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी। उसी दिन मैं वहां पहुंचा था। रिव्यू मीटिंग में तय हुआ था, उन्हें जल्द से जल्द पकड़िए। आतंकी देश छोड़ कर न जाए, ये तय करें। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन महादेव में आतंकियों को मारे जाने से पहले सुरक्षाबलों का खाली कारतूस मिले थे। उनके फोरेंसिक जांच की गई। इनके पास से जो राइफल मिले, उसकी भी जांच की गई। इससे पता चला कि उन्हीं के राइफल से पहलगाम में हमला किया गया था। शाह ने कहा कि आतंकियों के स्केच भी बनाए गए थे, जिन्होंने उनको आसरा दिया था, उस घर के मालिक से भी पूछताछ की गई थी। उन्होंने बताया कि वे तीनों वहीं थे, जो उनके डॉक में रुके थे और उनसे खाना लेकर गए थे। IB ने 22 मई को बताया था कि आतंकी कहां है।आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस ने और जांच की। 22 जुलाई को उन्हें ट्रैक करने का काम हुआ। इसके बाद स्ट्राइक किया गया। तीनों आतंकी मारे गए। इत्तफाक देखिए कि तीनों आतंकियों के सिर में गोली लगी। देशभर से लोग मुझे कहते थे कि आतंकियों को सिर में गोली मारिएगा।
चिदंबरम ने कांग्रेस की मानसिकता दुनिया में उजागर की
Amit Shah Speech in Rajyasabha शाह ने कहा कि विपक्ष ने पूछा आतंकी पाकिस्तानी थे , इसका क्या सबूत है। मैं चिदंबरम से पूछना चाहता हूं कि आप किसको बचाना चाहते थे, आपको शर्म नहीं आती। चिदंबरम ने पूरी दुनिया के सामने कांग्रेस की मानसिकता उजागर कर दी। हम वोट बैंक के लिए आतंकियों को नहीं बचाएंगे। अभी-अभी पृथ्वीराज चव्हाण का बयान आया कि ऑपरेशन का नाम धर्म के नाम पर रखने के अलावा इनको कुछ नहीं आता। मैं यहां से चव्हाण जी से कहना चाहता हूं। आप क्या नाम रखना चाहते थे। जवाब दीजिए। ये लोग हर चीज को हिंदू-मुस्लिम एंगल से देखते हैं। हमारे सेना के युद्ध घोष को इस दृष्टिकोण से नहीं देखना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर पर शाह- 22 अप्रैल को हमला हुआ। उसी दिन मेरी PM से बात हुई। लगभग दो-ढाई बजे मैं वहां गया। वो मेरे जीवन का ऐसा दिन है, जो मैं कभी नहीं भूलूंगा। एक बच्ची, जिसकी शादी 6 दिन पहले हुई थी, वो विधवा हो गई। मैं वो दृश्य नहीं भूल सकता।लोगों को क्यों मारा गया, क्योंकि वो संदेश देना चाहते थे कि कश्मीर आतंक से मुक्त नहीं होगा। मैं इस सदन से उन्हें संदेश देता हूं कि कश्मीर आतंकवाद से मुक्त होकर रहेगा।