Ahilyabai Holkar natya manchan: रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि पुण्यश्लोक लोकमाता महारानी अहिल्याबाई होलकर का पूरा जीवन समाज कल्याण, सुशासन और धार्मिक पुनर्जागरण को समर्पित रहा। वे न केवल इंदौर की महारानी थीं, बल्कि एक न्यायप्रिय प्रशासक, धार्मिक पुनर्निर्माण की अग्रदूत और भारतीय संस्कृति की महान संरक्षक भी रहीं।
मुख्यमंत्री रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व मांगल्य सभा द्वारा आयोजित नाट्य मंचन समारोह में शामिल हुए। यह नाट्य प्रस्तुति लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर आधारित थी।
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महारानी अहिल्याबाई: प्रेरणा और परंपरा की मिसाल
मुख्यमंत्री ने कहा कि अहिल्याबाई होलकर (Ahilyabai Holkar natya manchan) ने तीन दशकों तक होलकर वंश का नेतृत्व करते हुए प्रशासन, न्याय और जनकल्याण की मिसाल पेश की। उन्होंने देश के चारों दिशाओं—काशी, कांची, पुरी और द्वारका—में मंदिरों के पुनर्निर्माण कर भारत की सांस्कृतिक एकता को सशक्त किया।
विशेष रूप से काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण उनके हाथों से हुआ, जो औरंगज़ेब द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद हिंदू समाज के लिए एक ऐतिहासिक पुनर्स्थापना बन गई।
सनातन परंपरा की संवाहिका
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई (Ahilyabai Holkar natya manchan) न केवल एक रानी थीं, बल्कि सनातन संस्कृति की ध्वजवाहिका भी थीं। उन्होंने न केवल मंदिरों और धर्मशालाओं का निर्माण किया, बल्कि रामराज्य की अवधारणा को अपने शासन में साकार किया।
उन्होंने कहा, “उनके जीवन से हम सबको प्रेरणा मिलती है। आने वाली पीढ़ियों को उनके कृतित्व को जानने और समझने की आवश्यकता है।”
समारोह में अनेक गणमान्य उपस्थित
इस अवसर (Ahilyabai Holkar natya manchan) पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष किरण देव साय, अजय जामवाल, पवन साय सहित बड़ी संख्या में सांसद, विधायक, जनप्रतिनिधि और नागरिक उपस्थित रहे।