Tehsildar Strike in Chhattisgarh Update: बिलासपुर में तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी है। हड़ताल की वजह से जिला मुख्यालय स्थित तहसील कार्यालय में आज दोपहर वीरानी छाई रही। तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों की हड़ताल से आम जनता परेशान हो रही है।
पक्षकारों के बैठने के लिए बनाई गई कुर्सियों पर गांव से आए लोग इस उम्मीद में बैठे रहे कि तहसीलदार और नायब तहसीलदार हड़ताल खत्म करके काम पर लौटेंगे। मंगला के किसान रामभरोस यादव ने बताया कि वह अपनी जमीन के खाता विभाजन के लिए पिछले पांच दिनों से तहसील के चक्कर लगा रहे हैं।
Tehsildar Strike in Chhattisgarh: कार्यालय के बाबू उन्हें बताते हैं कि अधिकारियों की हड़ताल खत्म होने के बाद ही उनके आवेदन पर आगे कार्रवाई होगी। इसी तरह चांटीडीह की लक्ष्मिन बाई फौती नामांतरण के लिए पिछले चार दिनों से लगातार आ रही हैं। लेकिन तहसील का पूरा कामकाज ठप होने से उनका काम भी अटका हुआ है।
हड़ताल से राजस्व कामकाज पूरी तरह रुका (Tehsildar Strike in Chhattisgarh)
तहसील कार्यालय में पक्षकारों के बैठने के लिए रखी गई कुर्सियों पर केवल 5-6 लोग ही नजर आए। अधिकांश लोगों को पता है कि तहसीलदारों की हड़ताल खत्म हुए बिना राजस्व संबंधी कोई काम नहीं हो पाएगा। इसलिए वे चाह कर भी तहसील कार्यालय नहीं पहुंच रहे हैं। तहसील कार्यालय में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की हड़ताल 21 जुलाई से चल रही है।
Tehsildar Strike in Chhattisgarh: बेमुद्दत हड़ताल का आज दूसरा दिन है। तहसील कार्यालयों में तहसीलदार पीठासीन अधिकारी होते हैं। इसलिए उनके हस्ताक्षर के बिना किसी भी राजस्व मामले या आवेदन पर कार्रवाई नहीं हो रही है।
वर्तमान में जो कार्य बंद पड़े हैं, उनमें भूमि संबंधी सभी कार्य, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, फौती नामांतरण, खाता विभाजन और सीमांकन आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। शिक्षा सत्र की शुरुआत के साथ ही विभिन्न प्रमाण पत्रों की आवश्यकता बढ़ गई है, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई है।
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मांगें पूर्ण होने तक जारी रहेगा आंदोलन: साहू
Tehsildar Strike in Chhattisgarh Update छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के जिलाध्यक्ष प्रकाश साहू ने बताया कि 17 सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने 17 जुलाई को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा था। कोई कार्रवाई न होने पर 21 से 26 जुलाई तक उन्होंने निजी संसाधनों से सरकारी कामकाज बंद रखा।
इसके बाद 28 जुलाई को जिला स्तर पर सामूहिक अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन किया, 29 जुलाई को संभाग और राज्य स्तर पर प्रदर्शन हुए, और 30 जुलाई को प्रदेश स्तर पर राजधानी रायपुर में धरना दिया गया। इसके बावजूद कोई समाधान न मिलने पर आंदोलन चौथे चरण में प्रवेश कर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई है।
तहसील कार्यालयों में संसाधन की भारी कमी
Tehsildar Strike in Chhattisgarh: साहू ने बताया कि तहसील कार्यालयों में मानवीय संसाधन, तकनीकी सुविधाएं, सुरक्षा, सरकारी वाहन और प्रशासनिक सहयोग की भारी कमी है, जिससे कामकाज प्रभावित हो रहा है। इसी कारण से तहसीलदार और नायब तहसीलदार संघ के बैनर तले आंदोलनरत हैं। संघ का अनिश्चितकालीन धरना आंदोलन खेल परिसर सरकंडा में जारी है।
सेटअप के मुताबिक भर्ती की मांग
Tehsildar Strike in Chhattisgarh: संघ की 17 सूत्रीय मांगों में तहसीलों में स्वीकृत सेटअप के मुताबिक पदस्थापना, तहसीलदार से डिप्टी कलेक्टर पद पर पदोन्नति 50 फीसदी पद भरने नायब तहसीलदार को राजपत्रित करने, शासकीय वाहन की उपलब्धतता, न्यायालयीन आदेशों पर एफआईआर नहीं करने, न्यायालयीन कार्य में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोकाल ड्यूटी से पृथक व्यवस्था करने, प्रशिक्षित आपरेटर की नियुक्ति, संघ को मान्यता देने, राजस्व न्यायालयों की सुरक्षा के लिए सुरक्षा कर्मी, एसएलआर, एएसएलआर की बहाली आदि प्रमुख रूप से शामिल है।