Loan Fraud Case: ईडी ने अनिल अंबानी को किया तलब, लोन फ्रॉड मामले में होगी पूछताछ

CG Express
ED Summons Anil Ambani In Loan Fraud Case

Loan Fraud Case: नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी को कथित 17,000 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए तलब किया है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें 5 अगस्त 2025 को नई दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है।

यह कार्रवाई 24-26 जुलाई 2025 को मुंबई और दिल्ली में रिलायंस ग्रुप से जुड़े 50 कंपनियों और 25 व्यक्तियों के 35 से अधिक ठिकानों पर की गई छापेमारी के बाद हुई है। छापेमारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत की गई थी, और इसमें कई दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड जब्त किए गए।


मामला क्या है? (Loan Fraud Case)

Loan Fraud Case: ईडी की जांच मुख्य रूप से 2017-2019 के बीच यस बैंक द्वारा रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को दिए गए ₹3,000 करोड़ के कथित अवैध लोन डायवर्जन से संबंधित है। इसके अलावा, रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) और रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) से जुड़े ₹17,000 करोड़ तक के लोन फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप हैं।

सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने CLE प्राइवेट लिमिटेड के जरिए ₹10,000 करोड़ की राशि का डायवर्जन किया, जो एक अघटित संबंधित पक्ष था।

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ईडी ने पाया कि लोन स्वीकृति में कई अनियमितताएं थीं, जैसे:

  • बैकडेटेड क्रेडिट अप्रूवल मेमोरेंडम (CAMs)।
  • बिना उचित ड्यू डिलिजेंस या क्रेडिट विश्लेषण के निवेश प्रस्ताव।
  • यस बैंक की क्रेडिट नीति का उल्लंघन।
  • कमजोर वित्तीय स्थिति वाली कंपनियों को लोन देना।
  • एक ही पते और निदेशकों वाली शेल कंपनियों में धन का हस्तांतरण।
  • लोन एवरग्रीनिंग, यानी पुराने कर्ज चुकाने के लिए नए लोन देना।

सेबी की रिपोर्ट में यह भी उजागर हुआ कि RHFL का कॉर्पोरेट लोन पोर्टफोलियो वित्त वर्ष 2017-18 में ₹3,742 करोड़ से बढ़कर 2018-19 में ₹8,670 करोड़ हो गया, जो संदिग्ध डायवर्जन का संकेत देता है।


CBI और अन्य एजेंसियों की भूमिका

Loan Fraud Case: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में दो FIR दर्ज की थीं, जो यस बैंक और रिलायंस ग्रुप के बीच कथित रिश्वत और लोन के गठजोड़ की जांच से संबंधित हैं। नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB), SEBI, नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA), और बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी ईडी के साथ महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। सूत्रों के अनुसार, ईडी ने यस बैंक के प्रमोटरों को लोन से पहले उनके व्यवसायों में धन प्राप्त होने की बात पाई, जो रिश्वत की संभावना को दर्शाता है।


Loan Fraud Case: रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) पर ₹14,000 करोड़ के लोन फ्रॉड का आरोप है, और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अनिल अंबानी और RCom को RBI दिशानिर्देशों के तहत फ्रॉड घोषित किया है। SBI ने CBI में शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके अलावा, कैनरा बैंक के साथ ₹1,050 करोड़ के फ्रॉड और कुछ अघटित विदेशी बैंक खातों की भी जांच चल रही है।

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रिलायंस ग्रुप का जवाब

Loan Fraud Case: रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने 26 जुलाई 2025 को स्टॉक एक्सचेंज को सूचित किया कि ईडी की कार्रवाई का उनके व्यवसाय, वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों, कर्मचारियों, या अन्य हितधारकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। दोनों कंपनियों ने कहा कि अनिल अंबानी उनकी बोर्ड में नहीं हैं और RCom व RHFL से उनका कोई व्यावसायिक या वित्तीय संबंध नहीं है। उन्होंने दावा किया कि ये आरोप 10 साल पुराने लेनदेन से संबंधित हैं और RCom व RHFL वर्तमान में दिवाला प्रक्रिया से गुजर रहे हैं।


Loan Fraud Case: रिलायंस ग्रुप के एक सूत्र ने सेबी के ₹10,000 करोड़ डायवर्जन के दावे को खारिज करते हुए कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की कुल एक्सपोजर ₹6,500 करोड़ थी, और इसे सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की मध्यस्थता में निपटाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ओडिशा डिस्कॉम से संबंधित संपत्तियां कार्यरत हैं, और रिकवरी की प्रक्रिया बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है।


अनिल अंबानी की पिछली जांच

Loan Fraud Case: यह पहली बार नहीं है जब अनिल अंबानी को ईडी ने तलब किया है। मार्च 2020 में उन्हें यस बैंक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, जहां उन्होंने राणा कपूर या उनके परिवार से किसी भी गैरकानूनी संबंध से इनकार किया था। 2024 में सेबी ने अनिल अंबानी और RHFL के 24 अन्य व्यक्तियों पर 5 साल के लिए सिक्योरिटीज मार्केट से प्रतिबंध और ₹25 करोड़ का जुर्माना लगाया था।

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