PIB Fact Check Unit: फर्जी खबरों से अब नहीं होगा भ्रम! भारत सरकार की फैक्ट चेक यूनिट बताएगी सच्चाई, जानिए कैसे करें संपर्क

PIB Fact Check: पीआईबी की फैक्ट चेक यूनिट व्हाट्सएप, ईमेल और सोशल मीडिया के ज़रिए फर्जी खबरों की पहचान कर रही है, ताकि देश को मिले सही सूचना और भरोसेमंद जानकारी।

Umesh Sahu

PIB Fact Check Unit: नई दिल्ली। सोशल मीडिया के इस दौर में जहां एक खबर पलक झपकते ही वायरल हो जाती है, वहीं फर्जी और भ्रामक सूचनाएं भी तेज़ी से फैलती हैं। ऐसी सूचनाएं न केवल नागरिकों को गुमराह करती हैं, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। इन्हीं खतरों से निपटने के लिए भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक मजबूत और जवाबदेह तंत्र विकसित किया है— PIB फैक्ट चेक यूनिट (PIB Fact Check Unit)

PIB Fact Check Unit

भारत सरकार के (कार्य आवंटन) नियम, 1961 के तहत, मंत्रालय की जिम्मेदारी है कि वह सरकारी नीतियों, योजनाओं और कार्यक्रमों की जानकारी जनता तक पहुंचाए। इसी कड़ी में प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB Fact Check Unit) न केवल सूचना का प्रसार करता है, बल्कि भ्रामक और झूठी खबरों का खंडन भी करता है।


🛡️ PIB Fact Check यूनिट क्या करती है?

PIB की फैक्ट चेक यूनिट (PIB Fact Check Unit) की स्थापना नवंबर 2019 में की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य केंद्र सरकार, मंत्रालयों और विभागों से संबंधित फर्जी खबरों की पहचान कर उन्हें सत्यापित करना है। यह इकाई प्राप्त सूचनाओं को तीन श्रेणियों में बांटती है:

  • फर्जी (Fake): तथ्यात्मक रूप से गलत जानकारी

  • भ्रामक (Misleading): आधा सच, तोड़-मरोड़

  • सत्य (True): पुष्टि के बाद सही पाई गई जानकारी


📩 कैसे करें संपर्क?

अगर आपको किसी खबर पर शक है और आप उसकी सच्चाई जानना चाहते हैं, तो आप निम्न माध्यमों से फैक्ट चेक के लिए संपर्क कर सकते हैं:

  • ईमेल: factcheck[at]pib[dot]gov[dot]in, socialmedia[at]pib[dot]gov[dot]in

  • व्हाट्सएप: (Official नंबर PIB वेबसाइट पर देखें)

  • ट्विटर / इंस्टाग्राम / कू / फेसबुक: @PIBFactCheck

  • टेलीग्राम: t.me/PIB_FactCheck


📍 संगठन और प्रक्रिया

यह इकाई भारतीय सूचना सेवा (IIS) के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संचालित होती है। सभी अनुरोधों को पहले छांटा जाता है—अगर वे केंद्र सरकार से संबंधित होते हैं, तभी वे ‘कार्रवाई योग्य’ माने जाते हैं। इसके बाद जानकारी की पुष्टि सरकारी स्रोतों और तकनीकी टूल्स के माध्यम से की जाती है।


🧭 लोकल कनेक्ट क्यों ज़रूरी है?

छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जहां कई स्थानीय बोलियां और विविध समाचार स्रोत हैं, वहां PIB की यह फैक्ट चेक (PIB Fact Check Unit) सुविधा स्थानीय पत्रकारों, डिजिटल क्रिएटर्स और आम नागरिकों के लिए वरदान साबित हो सकती है। आपकी एक रिपोर्ट समाज में भ्रम फैला सकती है—या उसे दूर कर सकती है। ऐसे में इस यूनिट से जुड़कर सटीक और जिम्मेदार पत्रकारिता की दिशा में कदम बढ़ाया जा सकता है।

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