ALP psycho test controversy: रायपुर। सहायक लोको पायलट (ALP) भर्ती के तहत आयोजित साइकोलॉजिकल टेस्ट (Psycho Test) में गंभीर गड़बड़ियों के आरोप सामने आए हैं। रेलवे द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार परीक्षार्थियों को परीक्षा के दौरान पेन या पेंसिल रखने की अनुमति नहीं थी, लेकिन रायपुर के सरोना स्थित TCS iON सेंटर में आयोजित परीक्षा में मेमोरी टेस्ट के दौरान सभी अभ्यर्थियों को पेन उपलब्ध कराया गया।
ALP psycho test controversy गाइडलाइन का उल्लंघन!
अभ्यर्थियों ने बताया कि पेन उपलब्ध कराए जाने से परीक्षा की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। कई छात्रों ने आरोप लगाया कि उन्होंने एडमिट कार्ड या डेस्क पर प्रतीक चिह्न बनाकर उत्तर याद किए, जिससे मेमोरी टेस्ट का उद्देश्य ही विफल हो गया। ईमानदार परीक्षार्थियों के लिए यह स्थिति असमानता और अन्यायपूर्ण साबित हो सकती है।
तकनीकी समस्याएं भी बनी बाधा
इसके अलावा, कई अभ्यर्थियों ने माउस खराब होने की शिकायत की। उनका कहना है कि बार-बार शिकायत के बावजूद तकनीकी खराबी को दूर नहीं किया गया, जिससे उनका कीमती समय बर्बाद हुआ और परीक्षा में प्रदर्शन पर नकारात्मक असर पड़ा।
क्या होता है मेमोरी टेस्ट?
ALP psycho test controversy : मेमोरी टेस्ट को दो भागों में बांटा गया था। कुल 8 मिनट के इस टेस्ट में पहले 2 मिनट में 12 प्रतीक चिह्न दिखाए जाते हैं और अगले 2 मिनट में उन्हें पहचानकर उत्तर चुनना होता है। गाइडलाइन के मुताबिक इस दौरान किसी भी परीक्षार्थी के पास पेन या पेपर नहीं होना चाहिए, लेकिन सेंटर पर इसका उल्लंघन हुआ।
दो पालियों में हुई परीक्षा, अभ्यर्थी कर रहे जांच की मांग
ALP psycho test controversy: 15 जुलाई को हुई परीक्षा दो पालियों में आयोजित की गई थी। प्रथम पाली सुबह 9:00 बजे और द्वितीय पाली दोपहर 2:00 बजे शुरू हुई। कुल 73 मिनट में 226 प्रश्न हल करने थे, जिनमें से मेमोरी टेस्ट में 24 प्रश्न शामिल थे। कई अभ्यर्थियों ने कहा कि पेन की मदद से कुछ परीक्षार्थियों ने 24 में से 24 प्रश्न सटीकता से हल किए, जिससे सामान्य अभ्यर्थियों के लिए कटऑफ पार करना मुश्किल हो सकता है।
ईमानदार अभ्यर्थियों को हो सकता है नुकसान
ALP psycho test controversy: साइको टेस्ट में कुल पांच बैटरी टेस्ट होते हैं—मेमोरी टेस्ट, फॉलोइंग डायरेक्शन टेस्ट, डेप्थ परसेप्शन टेस्ट, पावर ऑफ ऑब्जर्वेशन टेस्ट और परसेप्चुअल स्पीड टेस्ट। प्रत्येक टेस्ट में कम से कम 42% टी स्कोर अर्जित करना जरूरी होता है। यदि कुछ उम्मीदवारों को गलत तरीकों से उच्च स्कोर मिला है, तो इसका सीधा नुकसान उन ईमानदार छात्रों को होगा जो निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए परीक्षा देते हैं।
अभ्यर्थियों ने RDSO और रेलवे भर्ती बोर्ड से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।