भोपाल। Temple Priest Vacancy : सिंहस्थ–2028 की तैयारी के बीच मप्र सरकार ने धार्मिक स्थलों को व्यवस्थित और सेवा-केंद्रित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यदि योजना सुचारु रही, तो जल्द ही प्रदेशभर में शासन अधीन, ट्रस्ट संचालित और कलेक्टर प्रशासित मंदिरों, मठों और धर्मशालाओं में रिक्त पुजारी पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी।
धार्मिक न्याय एवं धर्मस्व विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देश भेजे हैं। जानकारी मांगी गई है कि किस जिले में कितने मंदिर हैं, कितने में पुजारी कार्यरत हैं, कहां रिक्तियां हैं, मंदिर समितियां गठित हुई (Temple Priest Vacancy)हैं या नहीं, मंदिरों की संपत्तियों का क्या लेखाजोखा है, और कितनी जमीन अतिक्रमण या न्यायालयीन विवाद में है।
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5 हजार से ज्यादा पुजारियों की नियुक्ति(Temple Priest Vacancy)
शुरुआती चरण में 5000 से अधिक पुजारियों की नियुक्ति की योजना है। इसके लिए अनिवार्य शर्त यह रखी गई है कि उम्मीदवार को उज्जैन स्थित गुरुकुल से दीक्षा प्राप्त होना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि पुजारी धार्मिक रूप से प्रशिक्षित और योग्य हों।
एसडीएम स्तर पर होगी नियुक्ति
सरकार ने निर्देश जारी किए हैं कि पुजारियों की नियुक्ति एसडीएम स्तर पर की जाए, जिससे पारदर्शिता बनी (Temple Priest Vacancy)रहे। साथ ही यह भी कहा गया है कि जिन मंदिरों में पुजारी नहीं हैं, वहां पात्र व्यक्तियों की नियुक्ति जल्द की जाए।
मानदेय भी बढ़ेगा
नियोजित पुजारियों को मासिक मानदेय दिया जाएगा, जिसे बढ़ाने पर भी सरकार विचार कर रही है। विभाग के पास 20,000 से अधिक मंदिरों का पंजीकृत विवरण उपलब्ध है और इन्हें व्यवस्थित करना शासन की प्राथमिकता है।
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खंडवा-ओंकारेश्वर के आंकड़े(Temple Priest Vacancy)
खंडवा जिले में 249 मंदिर चिन्हित हुए
152 में पुजारी कार्यरत
97 पद खाली, जल्द होगी भर्ती
ओंकारेश्वर में 32 मंदिर, इनमें
13 में पुजारी हैं
19 में नियुक्ति की तैयारी