Naxal operation: सुकमा, छत्तीसगढ़। राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में एक बड़ी सफलता मिली है। यहां 1 करोड़ 18 लाख रुपए के इनामी 23 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इनमें 8 नक्सली PLGA बटालियन नंबर-1 के सदस्य रहे हैं, जो माओवादियों का सबसे खतरनाक दस्ता माना जाता है।
सबसे चर्चित नाम है लोकेश उर्फ पोड़ियाम भीमा, जिस पर 8 लाख रुपए का इनाम था। वह 2012 में कलेक्टर एलेक्स पॉल मेनन के अपहरण में शामिल था। इसके अलावा 2017 के बुर्कापाल और 2021 के टेकलगुड़ा हमले में भी उसकी सक्रिय भूमिका रही, जिनमें कुल 46 जवान शहीद हुए थे।
किस-किस ने किया सरेंडर? (Naxal operation)
11 नक्सलियों पर 8-8 लाख का इनाम था
4 नक्सली 5-5 लाख के इनामी
1 पर 3 लाख और 7 नक्सली 1-1 लाख के इनामी थे
इनमें 9 महिला नक्सली और 3 दंपति भी शामिल हैं
ये सभी नक्सली वर्षों से सुरक्षा बलों पर हमलों और जवानों की हत्याओं में शामिल रहे हैं।
लोकेश उर्फ भीमा का आतंक
DVCM रैंक का नक्सली लोकेश दक्षिण सब जोनल ब्यूरो का कमांडर रह चुका है। यह नक्सली:
2007 में IED विस्फोट
2009 में एंबुश हमला
2012 में पुलिस मुठभेड़
2012 में कलेक्टर अपहरण
2017 में बुर्कापाल हमला
2021 में टेकलगुड़ा मुठभेड़
2024 में धरमावरम कैंप पर हमला
जैसी बड़ी घटनाओं में शामिल रहा है।
शीर्ष नक्सली नेताओं से था सीधा संबंध
रमेश उर्फ कमलू, एक करोड़ के इनामी माओवादी माड़वी हिड़मा का गार्ड
राजे उर्फ राजक्का, BNPC माड़वी जोगा का करीबी
लच्छू, SZCM सन्नू दादा का अंगरक्षक
इनसे पूछताछ के दौरान नक्सल संगठन की आंतरिक जानकारी और योजनाएं सामने आ सकती हैं, जिससे सुरक्षा एजेंसियों को (Naxal operation) भविष्य की रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
नक्सल ऑपरेशन (Naxal operation) को मिलेगी मजबूती
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एक साथ इतने बड़े इनामी नक्सलियों का सरेंडर होना नक्सली संगठन में टूट और हताशा का संकेत है। यह बस्तर क्षेत्र में अस्थिर होते नेटवर्क और सुरक्षा बलों की रणनीति (Naxal operation) की सफलता को दर्शाता है।